Friday, December 11, 2015

Poem

                          एक जिंदगी

क्यो तु झगड़ो मे,
क्यो तु नशे मे,
क्यो तु  corruption मे,
क्यो  तु धमणड मे,
क्यो तु युद्ध मे,
अपनी जिंदगी खराब करता है।
तेरे पास एक जिंदगी वह मोती से भी अनमोल है। क्यो उसे ऐसे ही व्यर्थ करता है।
तेरे पास एक जिंदगी उसका मूल्य समझ तू।
मै तुमसे पुछता हुए की क्या रखा है नशे मे ,दो मिनट का मजा वाद मे शरीर अनदर से खोला है।
तेरे पास एक जिंदगी उसका मूल्य समझ तू।
क्योकी जिंदगी कभी दुबारा नही मिलती,  तेरे पास एक जिंदगी उसका मूल्य समझ तू।
मै तुमसे पुछता हु की क्या रखा है corruption मे ।
Corruption के पैसे को तू कितने दिन तक अपने पास रख पाएगा ।
Corruption के पैसे से तू कितने दिन मौज उड़ा पाएगा ।
क्या तू Corruption से अपनी नजरों मे खड़ा हो पाएगा ।एक दिन जव तेरे पास corruption का पैसा खत्म होगा तव तू बजुगॅ होगा ।तव तु अपनी करनी पर पछताएगा ।तू अपने पुराने दिन जव याद करेगा एक भी अपना अच्छा काम ना देख पाएगा ।जव कोई पुछेगा की तुमने जिन्दगी मे क्या किया तो क्या उसे कह पाएगा तव तू अपने ऊपर पछताएगा ।

तेरे पास एक जिंदगी उसका मूल्य समझ तू।
कयोकी वीता हुआ समय कभी भी वापस नहीं आता ।
तेरे पास एक जिंदगी उसका मूल्य समझ तू।

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