Monday, April 25, 2016

poem


Defect Defect क्या है तेरे मे, Defect क्या है मेरे मे। क्यो तू Defect के लिए दुसरो से लडता है। Defect defected होता है, क्या सोच है तेरी उस पर निर्भर होता है। Defect भी effective बना जाता है जब तेरी सोच effective होती है। कया Defect है तेरे मे, कया Defect है मेरे मे। क्यो तू Defect के लिए दुसरो से लडता है। क्योंकि, Defect Defective होता है , जब तेरी सोच Defected होती है। और Defect Effective होता है , जब तेरी सोच Effected होती है। जैसे तेरी सोच होती है वैसा ही Defect होता है। तू Defect को छोड Effect के लिए जिन्दगी जी और खुशी खुशी अपने target की ओर चलता जा। Defect क्या है तेरे मे, Defect क्या है मेरे मे। क्यो तू Defect के लिए दुसरो से लडता है। Defect defected होता है, क्या सोच है तेरी उस पर निर्भर होता है।